Sunday, July 14, 2013

एनएचएआई व ओरिएंटल की सांठगांठ से अरबों की लूट

 एनएचएआई व ओरिएंटल की सांठगांठ से अरबों की लूट 
नागपुर । अनसुलझे सवालों के बीच संदेहों का पुल कदम बढ़ता जा रहा है। तकनीकी रूप से काम शुरू हो चुका है और जल्द ही निर्माण कार्य  शुरू हो सकता है। एनएचएआई व ओरिएंटल की सांठगांठ से अरबों की लूट का रास्ता साफ होता जा रहा है। बूटीबोरी टी प्वाइंट में मारे गए दो युवकों की मौत तो बस बहाना है। 
कंपनी पर क्यों इतना भरोसा : बूटीबोरी तिराहे पर एनएचएआई की तकनीकी टीम के सुझावों से निर्बाध यातायात के लिए फ्लाइओवर प्रस्तावित है। फ्लाईओवर की शुरुआती लागत 21 करोड़ के आसपास आंकी जा रही है। इसके बनने के लिए 1 साल का समय अनुमानित है। हालांकि एनएचएआई ने जिस ओरिएंटल कंपनी को कार्यादेश जारी किया है, उस पर उन्हें कुछ ज्यादा ही भरोसा है। उनके मुताबिक प्रस्तावित फ्लाईओवर समय पूर्व भी बन सकता है। यदि देर होती है तो पूरी परियोजना के लिए अतिरिक्त 30 प्रतिशत रकम और अधिक लगने का अनुमान है।
आ चुका है प्रिंसिपल अप्रूवल
दिल्ली से परियोजना का प्रिंसिपल अप्रूवल आ चुका है। महीने दो महीने के भीतर पूर्ण डिजाइन बनकर तैयार हो जाएगी। बूटीबोरी आरओबी व प्रस्तावित फ्लाइओवर के दरम्यान स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए सर्विस रोड में जाने की व्यवस्था का दावा किया जा रहा है। बूटीबोरी फ्लाइओवर के लिए यातायात निवारण की ये सुनहरी तस्वीर परियोजना निदेशक श्री चंद्रशेखर ने संपर्क साधने पर दी। लेकिन इस विस्तृत चर्चा ने कई अहम सवाल भी खड़े कर दिए।
इन सवालों का जवाब नहीं
आखिर बूटीबोरी टी प्वाइंट पर रोड चौड़ा करने को लेकर जब विकल्प प्रस्तुत किया गया तो उस पर प्रयोग क्यों नहीं कियागया? बूटीबोरी आरओबी व प्रस्तावित फ्लाइओवर के दरम्यान सर्विस रोड में राष्टï्रीय राजमार्ग में सर्विस रोड के लिए पंक्चर कैसे दिया जा सकता है? मध्यप्रदेश के सिवनी से नागपुर के बीच एनएचएआई ओरिएंटल सड़क के स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स लिमि. इंडिया को टेंडर दिया जाता है। जबकि सड़क के व्यवस्थापन के लिए एम/एस ओरिएंटल नागपुर बायपास कंस्ट्रक्शन प्रायवेट लिमि. करोड़ों में एनएचएआई से किस बात का ले रही है? टेंडर के मुताबिक कुल 90 किलोमीटर की सड़क बनाने का टेंडर एनएचएआई ने ओरिएंटल को जारी किया था।
  किस तर्ज पर मिला ठेका

एचएचएआई इस ओरिएंटल कंपनी को किस तर्ज पर यह ठेका दिया, यह बड़ा सवाल है। इस तिराहे पर 45 दुर्घटनाओं का जो हवाला दिया जा रहा है, उसकी कलई सूचना के अधिकार के तहत बूटीबोरी पुलिस थाने से मांगी गई जानकारी से खुलकर सामने आ चुकी है।  तिराहे पर 2010 के बाद मात्र 2 मौत का खुलासा है, वह भी सवालों में उलझा हुआ। तिराहे पर यातायात नियंत्रण की कोशिशों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां यातायात विभाग के पुलिसकर्मी तो दिख जाते हैं, मगर उनकी उपयोगिता असरकारक नहीं दिखती। 
 विदर्भ को आर्थिक मजबूती प्रदान करने की जोरदार पहल गत दिनों एडवांटेज विदर्भ के तहत की गई। औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए सुनहरे सपने दिखाए गए। उनकी सुविधाओं के लिए योजनाओं का खाका खिंचा, लेकिन, यह कैसा एडवांटेज विदर्भ? बुटीबोरी टी प्वाइंट पर उड़ानपुल का निर्माण कर औद्योगिक इकाईयों की मुश्किलें बढ़ाने का कार्य सुनियोजित ढंग से किया जा रहा है।
लिमिटेड कंपनी का काम प्राइवेट लिमिटेड को? मध्यप्रदेश के सिवनी से महाराष्टï्र के नागपुर तक नेशनल हाइवे अथॉरिटी इंडिया ने जिस ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स लिमि. को ठेका दिया, उसी ठेकेदार कंपनी को बूटीबोरी टी प्वाइंट में फ्लायओवर बनाने का टेंडर देने की बात कही जा रही है।
लेकिन एनएचएआई के अधिकारिक साइट पर देखा जाए तो प्रस्तावित उड़ानपुल का कार्य ओरिएंटल नागपुर बायपास कंस्ट्रक्शन प्रायवेट लिमि. नाम की कंपनी को दिया गया है। नाम के इस घालमेल की हकीकत क्या है, ये राज बरकरार है।
चुप्पी क्यों? बूटीबोरी में प्रस्तावित इस उड़ानपुल को लेकर चुप्पी क्यों साधी गई है? यह सवाल गहराता जा रहा है। मध्यप्रदेश और महाराष्टï्र में जिस कंपनी के प्रबंध निदेशक, एक कर्मचारी व 2 एमएचएआई की साठ-गांठ को लेकर सीबीआई कार्रवाई कर चुकी है, उसी ठेकेदार कंपनी के पूरे नाम में ही फर्क दिखाई देने पर भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो पा रही है?
राष्ट्रीय राजमार्ग में क्यों खड़ा है रोड़ा
जिले में बूटीबोरी औद्योगिक क्षेत्र का अतिविकसित क्षेत्रों में शुमार है। यहां अनेक औद्योगिक इकाईयां हैं। डोंगरगांव  टोल नाका कहीं फिर शुरू न हो जाए, इस अंदेशे से वे भी परेशान हैं। हाईकोर्ट ने डोंगरगांव टोल नाके को बंद करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन बीओटी तत्व पर बनाए जा रहे फ्लायओवर के बहाने टोल वसूली का इशारा  एनएचएआई ने दे ही दिया है। सवाल ये उठता है कि अदालती आदेश से बंद डोंगरगांव टोल नाके का ढांचा राष्टï्रीय राजमार्ग में रोड़ा बने क्यों खड़ा है? क्यों नहीं इसे हटाया जाता? हकीकत कुछ और ही है। फ्लायओवर के लिए टोल नाके से गुजरनेवाले वाहनों का सर्वे किया जा रहा है। सूत्रों ने तो यहां तक बताया कि गुपचुप तरीके से डोंगरगांव टोल नाके में टोल कर्मचारी रहने भी लगे हैं।
बिना निविदा कार्यादेश नहीं हो सकता : मोघे
जिले के विकास के लिए जिम्मेदार पालकमंत्री शिवाजीराव मोघे ने हालांकि प्रस्तावित बूटीबोरी फ्लायओवर की संपूर्ण जानकारी होने से इनकार किया, लेकिन बिना निविदा निकाले किसी कंपनी को कार्यादेश जारी किए जाने पर हैरत जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता। करोड़ों रुपयों के काम को एनएचएआई बिना टेंडर के किसी कंपनी को कार्यादेश कैसे जारी कर सकती है? प्रस्तावित उड़ानपुल के कार्य से जुड़े हर पहलू को समझने के बाद टिप्पणी देने की बात उन्होंने कही।
वासनिक से चर्चा करेंगे मुत्तेमवार
नागपुर के सांसद विलास मुत्तेमवार ने मामले की पूरी जानकारी न होने की बात कही। उन्होंने कहा कि संबंधित परिसर मेरे कार्यक्षेत्र से बाहर है, फिर भी पूर्व कैबिनेट मंत्री मुकुल वासनिक से इस बारे में चर्चा करूंगा।

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